कॉलेज का पहला साल था। अंजलि, उन्नीस साल की एक हसीन और बिंदास लड़की, अपने छोटे शहर से दिल्ली के मशहूर कॉलेज में आई थी। उसकी आँखों में सपने थे, और दिल में एक अजीब सी बेचैनी। कॉलेज का माहौल उसे आजादी का अहसास दे रहा था। नए दोस्त, नए प्रोफेसर, और वो खुला परिसर जहाँ हर कोने में जिंदगी की नई कहानियाँ लिखी जा रही थीं। लेकिन अंजलि की कहानी कुछ अलग थी, कुछ ज्यादा उत्तेजक।
पहले हफ्ते में ही उसकी मुलाकात राहुल से हुई। राहुल, तीसरे साल का स्टूडेंट, लंबा, चौड़े कंधों वाला, और आँखों में एक शरारती चमक। उसकी बातों में वो ठसक थी जो लड़कियों को अपनी ओर खींच लेती थी। अंजलि को वो पहली नजर में ही भा गया। दोनों की दोस्ती जल्दी ही गहरी होने लगी। क्लास के बाद कैंटीन में कॉफी, लाइब्रेरी में छुपकर की गई बातें, और देर रात तक मैसेजेस। लेकिन दोनों के बीच कुछ और था, एक ऐसी आग जो धीरे-धीरे भड़क रही थी।
एक दिन कॉलेज का एनुअल फेस्ट था। रंग-बिरंगी लाइट्स, म्यूजिक, और चारों तरफ हंसी-मजाक। अंजलि ने एक टाइट ब्लैक ड्रेस पहनी थी, जो उसके कर्व्स को और निखार रही थी। राहुल की नजरें उस पर टिक गईं। “अंजलि, तू आज तो कमाल लग रही है,” उसने कानों में फुसफुसाते हुए कहा। अंजलि ने शरमाते हुए मुस्कुराया, लेकिन उसकी आँखों में भी वही शरारत थी। रात गहराने लगी, और फेस्ट का शोर धीमा होने लगा। राहुल ने अंजलि का हाथ पकड़ा और उसे कॉलेज की पुरानी बिल्डिंग की तरफ ले गया। “कहाँ ले जा रहा है?” अंजलि ने हंसते हुए पूछा। “बस, एक सरप्राइज है,” राहुल ने पलटकर कहा, उसकी आवाज में एक अजीब सी गर्मी थी।
पुरानी बिल्डिंग का एक कमरा, जो अब स्टोर रूम बन चुका था, आज उनकी दुनिया था। अंदर अंधेरा था, सिर्फ खिड़की से आती चांदनी की रोशनी में एक-दूसरे का चेहरा दिख रहा था। राहुल ने दरवाजा बंद किया और अंजलि को दीवार से सटा लिया। “तुझे पता है, मैं तुझसे कितना अट्रैक्टेड हूँ?” उसने धीरे से कहा, उसका हाथ अंजलि की कमर पर था। अंजलि का दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। “तो दिखा ना,” उसने चुनौती भरी नजरों से कहा।
राहुल ने बिना देर किए उसे अपनी बाहों में खींच लिया। उनके होंठ मिले, और एक गहरी, जुनूनी चुम्बन में दोनों खो गए। अंजलि की सांसें तेज हो रही थीं, और राहुल का हाथ उसकी ड्रेस के नीचे सरकने लगा। उसने धीरे से उसकी ड्रेस ऊपर की और उसकी नरम, गर्म त्वचा को छुआ। अंजलि ने एक हल्की सी सिसकारी भरी। “राहुल...” उसका नाम उसके मुँह से निकला, जैसे एक प्रार्थना।
राहुल ने उसे स्टोर रूम में रखे पुराने सोफे पर लिटा दिया। उसकी उंगलियाँ अंजलि की जांघों पर नाच रही थीं, और हर स्पर्श के साथ अंजलि का शरीर सिहर उठता था। “तू इतनी सेक्सी है,” राहुल ने कहा, उसकी आवाज में लालसा साफ झलक रही थी। उसने अपनी शर्ट उतारी, और अंजलि ने उसके चौड़े सीने को छुआ। उसका शरीर गर्म था, जैसे आग में तप रहा हो। अंजलि ने अपनी ड्रेस उतार दी, और अब वो सिर्फ अपनी काली लेस वाली ब्रा और पैंटी में थी। राहुल की आँखें उसे निहार रही थीं, जैसे वो कोई अनमोल खजाना हो।
“तुझे देखकर मेरा लंड पागल हो रहा है,” राहुल ने कहा, और अंजलि ने हंसते हुए उसकी जीन्स की ओर इशारा किया। “तो दिखा ना, कितना पागल है,” उसने शरारत से कहा। राहुल ने अपनी जीन्स उतारी, और उसका कठोर लंड अब साफ दिख रहा था। अंजलि ने उसे छुआ, और एक हल्की सी मुस्कान के साथ उसकी आँखों में देखा। “ये तो सचमुच बेकाबू है,” उसने कहा।
राहुल ने अंजलि को फिर से अपनी बाहों में लिया और उसकी ब्रा उतार दी। उसकी नजरें अंजलि के नंगे स्तनों पर टिक गईं। उसने उन्हें धीरे से चूमा, और अंजलि की सिसकारियाँ अब और तेज हो गईं। “राहुल... और मत तड़पा,” उसने कहा, उसकी आवाज में बेताबी थी। राहुल ने उसकी पैंटी नीचे सरकाई और अपनी उंगलियों से उसकी गीली चूत को छुआ। अंजलि का शरीर कांप उठा। उसने राहुल को अपने ऊपर खींच लिया, और दोनों के शरीर एक-दूसरे से टकराए।
“चोद दे मुझे,” अंजलि ने फुसफुसाते हुए कहा। राहुल ने और देर नहीं की। उसने अपने लंड को अंजलि की चूत के पास रखा और धीरे से अंदर धकेला। अंजलि ने एक जोरदार सिसकारी भरी, और उसका शरीर आनंद से थरथराने लगा। राहुल ने धीरे-धीरे अपनी रफ्तार बढ़ाई, और हर धक्के के साथ अंजलि की सिसकारियाँ कमरे में गूंजने लगीं। “हाँ... और जोर से,” अंजलि ने कहा, उसकी आँखें बंद थीं और चेहरा आनंद से लाल हो रहा था।
राहुल ने उसे और जोर से चोदा, उसकी गति इतनी तेज थी कि सोफा हिलने लगा। अंजलि की चूत गीली थी, और हर धक्के के साथ एक अजीब सी मादक आवाज कमरे में गूंज रही थी। “तेरी गीली चूत कितनी टाइट है,” राहुल ने कहा, उसका स्वर भारी हो रहा था। अंजलि ने जवाब में सिर्फ एक सिसकारी भरी और अपने नाखून राहुल की पीठ पर गड़ा दिए।
कुछ देर बाद, राहुल ने अंजलि को पलटा और उसे घोड़ी की तरह झुका दिया। उसने उसकी गोल, मुलायम गाँड को थपथपाया और फिर से अपने लंड को उसकी चूत में डाल दिया। “आह... राहुल, तू मुझे पागल कर देगा,” अंजलि ने कहा, उसकी आवाज में मस्ती और लालसा थी। राहुल ने उसकी गाँड को पकड़कर और जोर से धक्के मारे। दोनों के शरीर पसीने से भीग चुके थे, और कमरे में उनकी सांसों की आवाज के साथ-साथ चुदाई की मादक ध्वनियाँ गूंज रही थीं।
अंजलि का शरीर अब चरम पर था। “मैं... मैं झड़ने वाली हूँ,” उसने हांफते हुए कहा। राहुल ने अपनी गति और तेज की, और कुछ ही पलों में अंजलि का शरीर कांपने लगा। उसकी चूत ने राहुल के लंड को और कस लिया, और वो जोर से चीखी। राहुल भी अब अपने चरम पर था। “मैं भी... आह,” उसने कहा और आखिरी धक्के के साथ उसने अपना सारा माल अंजलि की चूत में छोड़ दिया।
दोनों हांफते हुए सोफे पर लेट गए। अंजलि की आँखों में एक अजीब सी चमक थी। “ये... ये तो बस शुरुआत है,” उसने हंसते हुए कहा। राहुल ने उसे अपनी बाहों में लिया और उसके माथे पर एक चुम्बन दिया। “हाँ, अभी तो पूरा कॉलेज बाकी है,” उसने शरारत से कहा।
उस रात के बाद, अंजलि और राहुल की मुलाकातें और गहरी होने लगीं। कॉलेज का हर कोना उनकी जुनून भरी कहानियों का गवाह बनने लगा। लेकिन उस स्टोर रूम की रात, वो पहली चुदाई, वो हमेशा उनकी यादों में सबसे खास रही। ये थी उनकी कॉलेज की जिंदगी, जहाँ पढ़ाई के साथ-साथ उनकी जवानी भी अपनी राह तलाश रही थी।
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